Type Here to Get Search Results !

श्रमिक दिवस पर मजदूर शहंशाह अब्दुल शकूर छिपा को मिला आवार्ड ।

जोधपुर (राजस्थान)तस्वीर में आप जिस शख्स को देख रहे हैं ये कोई फकीर नहीं, बल्कि सखावत का शहंशाह हैं, जी हां इस शख्स का नाम अब्दुल शकूर छीपा हैं,और ये पेशे से पत्थर का काम करने वाला दिहाड़ी मज़दूर हैं.. ये तस्वीर जोधपुर में अभी कुछ दिन पहले हुए माहे तैबा अवार्ड फंक्शन के बाद ली गयी, जिसमें इन्हें सम्मानित किया गया था..सादगी देखिए इनकी, प्लास्टिक की थैली में अवार्ड लिए जमीन पर बैठ नाश्ता कर रहा हैं, जबकि इन्होंने वो किया जो बड़े बड़े करोड़पति नहीं कर सकते इन्होंने अपनी मां नसीबन को हज करवाने के लिए पैसा जमा किया था

मजदूर शहंशाह अब्दुल शकूर छिपा 

लेकिन कुदरत को यह मंजूर नहीं था और एक बड़ी बीमारी की वजह से वो चल बसीं.. शकूर ने अपनी खाली पड़ी ज़मीन को मां की याद में अस्पताल के लिए दान कर दिया..उनका कहना है कि जिन ग़रीब मरीज़ों के पास इलाज के लिए रुपये नहीं होते हैं, उनको मां की याद में बनाई हुई डिस्पेंसरी में चिकित्सा उपलब्ध होगी तो मां की रूह को सुकून मिलेगा.. उनकी दान की हुई ज़मीन पर सरकारी सहयोग से आज डिस्पेंसरी खड़ी है और ग़रीबों का मुफ़्त इलाज हो रहा है फटे पुराने कपड़ों में बसर कर रहे शकूर ने पिछले दिनों अपनी दो ज़मीने समाज के भवन व मदरसे के लिए भी दान कर दी हैं..इसके अलावा ये एक जमीन को सरकारी लैबोरेटरी के लिए देना चाहते हैं।ज़फर उल्लाह की वॉल से

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.