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डीसी अजय कुमार ने सिंगार क्लस्टर के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा एम्बुलेंस को दिखाई हरी झंडी ।

प्रदेश के 10 क्लस्टरों में शामिल सिंगार क्लस्टर को मिली मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलैंस की सौगात।

प्रदेश का पहला क्लस्टर बना सिंगार जिसमें मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलैंस की होगी सुविधा।

नूंह(ब्योरो रिपोर्ट) उपायुक्त अजय कुमार ने वीरवार को जिला सचिवालय परिसर से श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन  मिशन के तहत सिंगार क्लस्टर के गांवों के लिए दो मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलैंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सीईओ जिला परिषद गजेन्द्र सिंह, पशु पालन विभाग के उप-निदेशक डा. नरेन्द्र यादव, डा. नुकुल देव सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। उपायुक्त अजय कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यह मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलैंस सिंगार क्लस्टर के 12 गांव नामत : अंधाकी, दुडोली, घीडा, हाजीपुर, इंदाना, झारोकाडी, लफूरी, मढियाकी, पेमाखेड़ा, सिंगार, तिरवाडा, बडक़ा में जाएगी तथा पशुओं का इलाज करेगी।
उपायुक्त श्री अजय कुमार श्यामा प्रसाद मुखर्ज़ी मिशन सिंगार क्लस्टर के 12 गांव के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए।
इस मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलैंस में एक पशु चिकित्सक व एक वीएलडीए रहेगा। गांव के लोगों को अब पशु चिकित्सा के लिए उनके घर द्वार पर ही सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 10 क्लस्टर नामत: बादली, बल्ला, गणेशपुर, कोसली, कुलाना, सेमन, सिवाह, सिंगार, तिंगाव, उचाना में से नूंह जिले का सिंगार क्लस्टर पहला है जिसमें मोबाइल पशु चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी अंतर को कम करना है तथा गांवों को ही रुर्बन की तरह विकसित किया जाना है।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में आर्थिक, सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे की क्षमता प्रदान करके पूरे देश में 300 क्लस्टर विकसित करने के लिए शुरू किया था। यह मिशन स्थानिक योजना के माध्यम से क्लस्टर आधारित एकीकृत विकास पर केंद्रित है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन के तहत ग्रामीण क्लस्टरों को समयबद्ध एवं समग्र ढंग से विकसित करने की परिकल्पना की गई है। मिशन के उद्देश्य : श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन स्थानिक योजना के माध्यम से क्लस्टर आधारित एकीकृत विकास पर केंद्रित है। इस मिशन का उद्देश्य बुनियादी सेवाओं को बढ़ाकर, स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करके और सुनियोजित रुर्बन क्लस्टर बनाकर रुर्बन समूहों को बदलना है। यह मिशन आर्थिक, तकनीकी, सुविधाओं और सेवाओं से संबंधित ग्रामीण-शहरी विभाजन को पाटना चाहता है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किये गए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के तहत स्थान संबंधी नियोजन के जरिये क्लस्टर आधारित एकीकृत विकास पर फोकस किया जाता है। मिशन का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करने के साथ-साथ बुनियादी सेवाओं में बढ़ोतरी और सुव्यवस्थित ग्रामीण क्लस्टरों का सृजन करके इन ग्रामीण क्लस्टरों में व्यापक बदलाव लाना है। इससे संबंधित क्षेत्र का समग्र विकास होगा और एकीकृत एवं समावेशी ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा इन समूहों में नियोजित इन्फ्रास्ट्रक्चर में सभी घरों को 24&7 पानी की आपूर्ति, घरेलू और क्लस्टर स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा, क्लस्टर के गाँवों में और गाँव के भीतर सडक़ों की व्यवस्था, हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पर्याप्त स्ट्रीट लाइट और सार्वजनिक परिवहन की सुविधा शामिल है। क्लस्टर में आर्थिक सुविधाओं में कृषि सेवाओं एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में विभिन्न विषयगत क्षेत्र, पर्यटन और लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिये कौशल विकास को भी शामिल किया गया है। 

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