नगीना(सहयोगी रिपोर्टर) नूंह जिले में मनरेगा के तहत होने वाले कार्य धरातल पर कम और कागजों में ज्यादा दिखाई दे रहे हैं । लोगों की मानें तो खानापूर्ति के लिए जेसीबी मशीन से कार्य तेजी से किए जा रहे हैं । जिससे मजदूरों को वंचित रख कर धनराशि पंच - सरपंचों , ठेकेदारों और पंचायत विभाग के अधिकारियों द्वारा परिचितों व परिजनों के बैंक खातों में डाली जा रही है । ऐसे अनेकों सबूत गांव वालों ने इकट्ठा किए है । इस सिलसिले में बृहस्पतिवार को एक शिकायत हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजी गई । शिकायतकर्ता मुबारिक हुसैन गांव घागस ने बताया कि मनरेगा से लाखों रुपए की हेराफेरी करके सरकारी खजाने को चपत लगाई जा रही है । जिला में सबसे ज्यादा मनरेगा का दुरुपयोग नगीना ब्लॉक में किया गया है । यहां मनरेगा में लाखों - करोड़ों रुपए के कार्य कराए गए हैं । अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को आयोग बना कर मनरेगा के सभी मामलों की जांच करानी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके । विडंबना है कि 53 ग्राम पंचायतों में सैकड़ों ऐसे रास्ते हैं जिनमें मोहल्ले वासियों के नाम बदलकर बार - बार मनरेगा का काम किया गया ।
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इंटरनेट से ली गई फोटो |
इसके बाद उनका खाता बैंकों में ठेकेदार व सरपंच खुलवा लेते हैं । बगैर काम करें फिर संबंधित मजदूरों के फर्जी खातों में मनरेगा का पैसा निरंतर आता रहता है । पंचायत विभाग की साइट पर मजदूरों के खाते में पैसे डालने की सूचना अन्य ठेकेदारों व जागरूक लोगों द्वारा दी जाती हैं तो शिकायत लगने के बाद कुछ पैसे देकर उन्हें संबंधित दबंग लोग मना लेते हैं । पंचायतों में करोड़ों के घोटाले : शिकायतकर्ता ईसराईल कुल्ताजपुर व हामिद रानीका ने बताया कि बुधवार को डीसी ने मनरेगा योजना की समीक्षा की । निष्पक्ष जांच का वादा किया था । उन्होंने बताया कि खंड स्तर पर हुई जांचों में भारी लापरवाही बरती गई है । उनके गांवों में मनरेगा के तहत कागजों में कार्य दिखाया हुआ है । लेकिन जमीनी स्तर पर कार्य नहीं हुआ । हजारों लाखों रुपए का भुगतान मजदूरों के नाम पर हुआ है । शिकायत करने के बाद भी स्थानीय अधिकारी एक नहीं सुनते । जांच हो तो ग्राम पंचायतों में करोड़ों रुपए के घोटाले मिलेंगे ।
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