शहर की सड़कों पर नाबालिगों का कहर: बाइक स्टंट बन रहे जानलेवा खेल।
डी.सी.नहलिया / फिरोजपुर झिरका: शहर इन दिनों एक गंभीर सामाजिक समस्या से जूझ रहा है। नाबालिग बच्चे, जिनकी उम्र मुश्किल से 10 से 15 वर्ष के बीच है, सड़कों पर तेज रफ्तार बाइक चलाते और स्टंट करते देखे जा रहे हैं। मोहल्लों से लेकर मुख्य बाजारों तक, यह दृश्य आम होता जा रहा है। ये बच्चे न केवल अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा के लिए भी जोखिम पैदा कर रहे हैं। इन नाबालिग चालकों के पास न तो लर्निंग लाइसेंस होता है और न ही वैध ड्राइविंग लाइसेंस।
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मोटर बाइक पर स्टंट करते हुये देख नाबालिक बच्चे को समझाती हुई बुजुर्ग महिला |
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स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह गतिविधियाँ पुलिस प्रशासन की नज़रों से छिपी नहीं हैं। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस मौन क्यों है? क्या किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार किया जा रहा है? जब कानून के उल्लंघन की घटनाएं खुलेआम हो रही हों, तो प्रशासन की निष्क्रियता समाज में गलत संदेश देती है।
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इन घटनाओं के पीछे एक और बड़ा कारण है अभिभावकों की लापरवाही। कई माता-पिता खुद ही अपने नाबालिग बच्चों को दोपहिया वाहन सौंप देते हैं, बिना यह सोचे कि वे कानूनी और नैतिक रूप से कितना बड़ा खतरा उत्पन्न कर रहे हैं। यदि किसी दिन कोई दुर्घटना होती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा बच्चा, अभिभावक, या प्रशासन?
इस तरह का मामला पहले कभी मेरे संज्ञान में नही था अभी इसकी जानकारी मुझे मिली है इस समस्या का समाधान केवल पुलिस की कार्रवाई से नहीं होगा। इसके लिए स्कूलों, सामाजिक संगठनों, अभिभावकों और प्रशासन को मिलकर जागरूकता फैलानी होगी। ट्रैफिक नियमों की शिक्षा, वाहन प्रयोग की कानूनी उम्र की जानकारी और बच्चों को सख्ती से समझाना जरूरी है। साथ ही, साथ ही ऐसे मामलों में बिना देर किए सख्त कदम उठाए जाएंगे अगर कोई भी नाबालिग बच्चा बाइक आदि मोटर वाहन पर स्टंट करता हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी चाहे वह वाहन जब्ती हो या अभिभावकों पर जुर्माना।
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