नूंह में महिला की मौत: इलाज में लापरवाही, 3 डॉक्टरों सहित 5 पर FIR दर्ज
डी.सी.नहलिया / नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में चिकित्सा लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की मौत के बाद निजी अस्पताल के तीन डॉक्टरों समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
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मृतका सुनीता को गर्भाशय में गांठ की शिकायत पर इलाज के लिए केके अस्पताल, किरा (नूंह) में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही से उसकी हालत बिगड़ गई और इन्फेक्शन लिवर और किडनी तक फैल गया।:
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महिला के पति उदयचंद ने बताया कि ऑपरेशन के तुरंत बाद सुनीता की तबीयत बिगड़ने लगी। इलाज के लिए उन्हें फरीदाबाद के दो बड़े निजी अस्पतालों में ले जाया गया, जहां करीब 48 दिन तक इलाज चला, लेकिन अंततः महिला की मृत्यु हो गई। इस इलाज पर परिवार ने करीब 35 लाख रुपये से अधिक खर्च किया, लेकिन जान नहीं बच पाई।
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उदयचंद ने मामले की शिकायत सिविल सर्जन नूंह से की थी, लेकिन शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। अब नूंह सदर थाने की पुलिस ने केके अस्पताल के संचालक, तीन डॉक्टरों, एक लैब टेक्नीशियन और एक स्टाफ नर्स के खिलाफ मेडिकल नेग्लिजेंस और लापरवाही से मृत्यु जैसे संगीन आरोपों में मामला दर्ज कर लिया है।
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जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर इंद्रजीत ने बताया कि सभी आरोपियों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा जाएगा और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट, अस्पतालों के मेडिकल दस्तावेज और इलाज के रिकॉर्ड को जांच का हिस्सा बनाया जा रहा है। इस पूरे मामले की दो वर्षों तक जांच चलती रही, जिसके बाद यह एफआईआर दर्ज की गई।
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पीड़ित परिवार का आरोप है कि केके अस्पताल ने पहले ही भारी रकम इलाज से पहले ही जमा करवा ली थी, लेकिन उचित उपचार नहीं दिया गया। महिला की स्थिति खराब होने पर उसे रेफर किया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
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यह
मामला प्रदेश में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और मेडिकल जवाबदेही पर कई गंभीर
सवाल खड़े करता है। यदि समय पर सही उपचार और सावधानी बरती जाती, तो शायद एक ज़िंदगी
बचाई जा सकती थी।
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