फिरोजपुर झिरका बस स्टैंड बना बायोवेस्ट यार्ड, निजी अस्पताल और लैब संचालकों की लापरवाही बनी स्वास्थ्य के लिए खतरा।
फिरोजपुर झिरका / डी.सी.नहलिया: शहर का मुख्य बस स्टैंड, जो प्रतिदिन हजारों यात्रियों की आवाजाही का केंद्र है, आजकल गंभीर स्वास्थ्य संकट का कारण बनता जा रहा है। इसका कारण है शहर में संचालित कुछ निजी अस्पतालों और खून जांच लेबों की घोर लापरवाही, जो कि मेडिकल बायोवेस्ट को सही तरीके से नष्ट करने की बजाय बस स्टैंड परिसर में फेंक रहे हैं।
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स्थानीय लोगों की शिकायत के अनुसार, यह बायोवेस्ट जिसमें खून जांच की वायल, उपयोग की गई सिरिंज, ग्लव्स, ड्रेसिंग सामग्री आदि शामिल हैं बस स्टैंड के पिछले गेट से अंदर फेंका जा रहा है।
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फोटो;- बस स्टैंड परिसर के पिछले गेट पर पड़ा हुआ बायोवेस्ट कचरा । |
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; आमजन पर बायोवेस्ट का खतरा बायोमेडिकल कचरा, विशेष रूप से उपयोग की गई सिरिंज, वायल और अन्य मेडिकल वस्तुएं कई गंभीर बीमारियों को फैलाने का कारण बन सकती हैं। खुले में पड़ा यह कचरा जानवरों और बच्चों के लिए भी खतरा बन सकता है। कई बार कचरे में से उपयोगी चीजें निकालने वाले कबाड़ी या रैगपिकर संक्रमित हो जाते हैं और फिर यह संक्रमण उनके संपर्क में आए लोगों तक फैल सकता है।प्रशासन की चुप्पी और लापरवाही सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब प्रशासन की आंखों के सामने हो रहा है, लेकिन अब तक किसी भी अस्पताल या लैब संचालक के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही नहीं हुई है।
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स्थानीय नागरिकों ने कई बार नगरपालिका और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले से अवगत कराया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। सभी अस्पतालों को बायोवेस्ट निस्तारण के प्रमाणपत्रों के साथ कार्य करना अनिवार्य बनाया जाए फिरोजपुर झिरका का बस स्टैंड न केवल एक ट्रैवल पॉइंट है, बल्कि हजारों लोगों की रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है।
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ऐसे स्थान पर बायोमेडिकल कचरे का फैलाव न केवल प्रशासन की लापरवाही दर्शाता है, बल्कि पूरे समाज के स्वास्थ्य को खतरे में डालने जैसा गंभीर अपराध है। अब समय आ गया है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित और कठोर कदम उठाएं, ताकि इस प्रकार की लापरवाही भविष्य में दोहराई न जा सके और आमजन सुरक्षित रह सके।
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