नूंह का 'भूतिया' अस्पताल: जहाँ स्वास्थ्य नहीं, सिर्फ सन्नाटा और जुआ सट्टा!
नूंह का खंडहर अस्पताल: 40 साल से इंतज़ार में ज़िंदगी और मौत, मौत का इंतज़ार करती 'स्वास्थ्य' इमारतें: 40 साल से खंडहर, अब जुए का अड्डा, जिंदगी बनाम खंडहर: सरकारी उपेक्षा ने उमरा गांव को बनाया 'स्वास्थ्य' विहीन, स्कूल के पास मौत का साया: नूंह के जर्जर अस्पताल में पनप रहा खतरा!
यह भी पढे:- फिरोजपुर झिरका: पांडवकालीन झिरकेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि की धूम, उमड़ेगी आस्था की भीड़
(P18News की खबरें अब आपके Whatsapp एवं Facebook व Youtube पर जुड़ने के लिए लाल, निला,हरे रंग पर क्लिक करें)
नूंह (P18News/ब्योरा)
नूंह जिले के उमरा गांव में लगभग चार दशक पहले बनाए गए पशु अस्पताल और उप-स्वास्थ्य केंद्र की इमारतें आज भी अपने उद्घाटन का इंतज़ार कर रही हैं। सरकारी खर्चे पर खड़ी की गई ये भव्य इमारतें अब खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं, जो न केवल सरकारी धन की बर्बादी का जीता-जागता उदाहरण हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य का गंभीर खतरा भी बन गई हैं।
यह भी पढे:- राष्ट्रीय बजरंग दल में संगठनात्मक बदलाव, संजय जैमिनी को मिली नई कमान
ग्रामीणों के अनुसार, इन इमारतों में आज तक न तो कोई पशु चिकित्सक नियुक्त हुआ और न ही जच्चा-बच्चा केंद्र में एक भी प्रसव हुआ। सरकारी फाइलों में दर्ज ये 'स्वास्थ्य केंद्र' अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुके हैं, जहाँ दिन-रात जुए और सट्टे का खेल चलता रहता है।
यह भी पढे:- नूंह में स्वास्थ्य क्रांति की दस्तक: 68 करोड़ की लागत से बनेगा 100 बेड का अत्याधुनिक जिला अस्पताल
गांव के निवासी, जिनमें अरसुन खान, एडवोकेट शोएब खान, डॉक्टर महमूद और शकील अहमद शामिल हैं, बताते हैं कि ये इमारतें अब जर्जर अवस्था में हैं, जिनकी हालत किसी भूतिया घर से कम नहीं।
यह भी पढे:- स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव का 'आशीर्वाद' और 'विकास' का डबल डोज: बाघोत में जल अर्पण, 152-डी पर 'कट' का बड़ा ऐलान!
सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये खंडहरनुमा इमारतें गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के ठीक पास स्थित हैं। स्कूल के छात्र बरसात के दिनों में यहाँ से गुजरने में डरते हैं, क्योंकि झाड़ियों और गंदगी के बीच सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीवों का खतरा बना रहता है। यह स्थिति बच्चों की सुरक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
यह भी पढे:- CET पर छाया 'विवादों का बादल': 35,000 स्कूलों को बंद करने के फैसले पर भड़का प्राइवेट स्कूल संगठन, क्या बदलेगी तारीख?
गांव की महिलाओं को प्रसव के लिए आज भी 10 किलोमीटर दूर नगीना, मरोड़ा या मांडीखेड़ा जैसे कस्बों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस लंबी और जोखिम भरी यात्रा के दौरान कई बार मां और बच्चे दोनों की जान खतरे में पड़ जाती है। यह स्थिति तब है, जब सरकारें देश में स्वास्थ्य सुविधाओं
यह भी पढे:- नूंह का आरोपी इमरान उर्फ 'अन्ना' रेवाड़ी में दबोचा: 5 साल बाद गो-तस्कर गिरफ्तार।
को बेहतर बनाने के बड़े-बड़े दावे करती हैं। उमरा गांव की यह तस्वीर सरकारी दावों और जमीनी हकीकत के बीच के विशाल अंतर को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
यह भी पढे:- विधायक मम्मन खान ने सुनी जनसमस्याएं: पानी-बिजली संकट पर त्वरित समाधान का आश्वासन, बोले- 'जनता की सेवा ही मेरा उद्देश्य'
स्थानीय बुजुर्गों और जागरूक नागरिकों ने कई बार प्रशासन को इस मामले की शिकायत की है, लेकिन उनकी हर गुहार अनसुनी कर दी गई। प्रशासन की यह उदासीनता हैरान करने वाली है, खासकर तब जब मामला सीधे तौर पर जनस्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा हो। स्थानीय चिकित्सक डॉक्टर साजिद खान का दर्द छलकता है जब वह कहते हैं, "अगर सरकार यहाँ एक डॉक्टर और एक आशा वर्कर भी नियुक्त कर दे, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। लेकिन अफसोस, इन इमारतों को तो शायद केवल तस्वीरें खिंचवाने और शिलान्यास पट्ट लगाने के लिए ही बनाया गया था।"
यह भी पढे:- क्या वोट बैंक की सियासत में दब गया मेवात की जनता का स्वास्थ्य अधिकार?
उमरा गांव की यह कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं है, बल्कि यह देश के सैकड़ों उन गांवों की पीड़ा को बयां करती है, जो आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। यह स्थिति न केवल मवेशियों के इलाज को रोकती है, बल्कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरे में डालती है। समय आ गया है कि सरकार अपने वादों से ऊपर उठकर इन जर्जर इमारतों को वास्तविक स्वास्थ्य केंद्रों में बदले, ताकि ग्रामीणों को जीवन बचाने वाली सुविधाएँ मिल सकें।
यह भी पढे:- भगोड़ा दिलशाद अब सलाखों के पीछे: मेवात में अपराध की कमर तोड़ने को निकली नूंह पुलिस की टीम!
#NaheliyaJournalistFirozpurJhirkaP18NewsDCNaheliyaMewatNewsPoliticalCondolenceFirozpurJhirkaJournalistहरियाणा_समाचारDCNaheliyaJournalist #नूंह #NuhNews #उमरागांव #UmraVillage #स्वास्थ्यसुविधाएं #HealthFacilities #खंडहरअस्पताल #DilapidatedHospital #सरकारीउदासीनता #GovernmentNegligence #पशुअस्पताल #AnimalHospital #उपस्वास्थ्यकेंद्र #SubHealthCenter #जच्चाबच्चाकेन्द्र #MaternityCenter #ग्राभीणस्वास्थ्य #RuralHealth
यह भी पढे:- विभागीय उदासीनता का नंगा नाच: SDO और JE के झूठे आश्वासनों के बीच फिरोजपुर झिरका में हादसों का अंबार!
#हरियाणासमाचार #HaryanaNews #P18News #फिरोजपुरझिरका #FirozpurJhirka #पत्रकारडीसीनहलिया #JournalistDCNaheliya #DCNaheliyaNewsReport #MewatNews #PoliticalCondolence #NaheliyaJournalistFirozpurJhirkaP18NewsDCNaheliyaMewatNewsPoliticalCondolenceFirozpurJhirkaJournalistहरियाणा_समाचारDCNaheliyaJournalist
(P18News की खबरें अब आपके Whatsapp एवं Facebook व Youtube पर जुड़ने के लिए लाल, निला,हरे रंग पर क्लिक करें)
आवश्यक सूचना:-
अगर आपकी कोई समस्या है या फिर कोई प्रशानिक अधिकारी जान बूझकर आपको या आपके के कार्य को नही कर रहा है तो आप हमे लिखे ईमेल P18NEWSHR@GMAIL.COM या हमारे Whatapp No. +91-9813727685 पर सीधे अपनी समस्या को भेजे हम आपकी समस्या को प्रशानिक अधिकारियों व सरकार को अवगत कराएगे।
Thanks comments
you will be answered soon