हरियाणा के सरकारी स्कूलों में उगेंगी सेहत की फसल, न्यूट्रिशन गार्डन से बदलेगा मिड डे मील का स्वाद और सेहत
छात्रों
के हाथों बनेगा न्यूट्रिशन गार्डन,
स्कूल की छतों पर लगेंगे पौधे
मिड
डे मील में सब्जी की गुणवत्ता जांच अनिवार्य,
बनेगा रजिस्टर रिकॉर्ड
विद्यार्थियों
की साल में दो बार होगी हेल्थ चेकअप,
दीवारों पर होगा मापचिह्न
5000
रुपये प्रति स्कूल मिलेंगे न्यूट्रिशन
गार्डन के रखरखाव के लिए
डी.सी.नहलिया
हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में
बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक अभिनव पहल की शुरुआत की है — न्यूट्रिशन गार्डन (Nutrition Garden) की
स्थापना। इस योजना का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना
है, बल्कि उन्हें
प्राकृतिक खेती, स्वच्छता, स्वास्थ्य और
आत्मनिर्भरता के मूल सिद्धांतों से जोड़ना भी है। इस योजना को सभी राजकीय
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जा रहा है।
यह भी पढे;-
हरियाणा में चिकित्सकों की भारी कमी,
1100 सरकारी पद खाली, मरीजों को नहीं मिल रहा
गुणवत्तापूर्ण इलाज।
न्यूट्रिशन गार्डन: शिक्षा और पोषण का अनूठा संगम
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर स्कूल न्यूट्रिशन गार्डन स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में उपलब्ध खाली भूमि पर ये गार्डन बनाए जाएंगे और जहां स्थान नहीं है, वहां भवन की छतों पर गमले या पॉलीबैग में सब्जियों की खेती की जाएगी। इस पहल में विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों को सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा, ताकि बच्चों को न्यूट्रिशन, बागवानी और सामूहिक श्रम के महत्व का वास्तविक अनुभव मिल सके।
यह भी पढे:-
हरियाणा में बिजली बिल संकट: बदलाव के बाद 30% तक महंगे हुए बिल।
सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन मध्याह्न भोजन (Mid-Day Meal) प्रदान किया जाता है। सप्ताह के अनुसार मेन्यू में पहले से ही दाल, चावल, रोटी, हलवा, पूड़ी, गुलाब जामुन आदि शामिल हैं। अब न्यूट्रिशन गार्डन के माध्यम से विद्यालयों में स्वस्थ और ताजगी से भरपूर सब्जियों को इस भोजन में शामिल किया जाएगा। इससे बच्चों को बेहतर पोषण मिलेगा और स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
यह भी पढे:-
फिरोजपुर झिरका जन स्वास्थ्यविभाग की अनदेखी: दो महीने से गड्ढा बना प्रशासन की नाकामी का प्रतीक
गार्डन की देखरेख के लिए मिलेंगे 5000 रुपये
खंड
शिक्षा अधिकारी राजपाल देशवाल
ने जानकारी दी कि सभी सरकारी स्कूलों के
मिड डे मील अकाउंट में ₹5,000 की
राशि भेजी गई है। इस राशि का उपयोग विशेष रूप से न्यूट्रिशन गार्डन के रखरखाव,
खाद,
बीज,
बाड़,
कस्सी,
खुरपी आदि उपकरणों की खरीद के लिए किया
जाएगा।
इससे न केवल स्कूलों को आत्मनिर्भर
बनाया जाएगा, बल्कि
शिक्षकों और छात्रों के बीच जिम्मेदारी और सामूहिक कार्य की भावना को भी बढ़ावा
मिलेगा।
यह भी पढे;-
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने झिरका पहुंचकर पूर्व विधायक नसीम अहमद की माता के निधन पर जताया शोक।
विद्यार्थियों की साल में दो बार होगी स्वास्थ्य जांच
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत हर वर्ष दो बार विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच डॉक्टरों की टीम द्वारा की जाएगी। इसके अतिरिक्त, सभी शिक्षकों को भी हर विद्यार्थी की लंबाई और वजन मापने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए स्कूलों की दीवारों पर स्थायी मापचिह्न बनाए जाएंगे, ताकि डॉक्टर भी उनका उपयोग कर सकें।
यह भी पढे;-
हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं पर सख्त हुईं मंत्री आरती सिंह राव, अधिकारियों को दिए स्पष्ट निर्देश।
खाद्य गुणवत्ता की निगरानी होगी सख्त
स्कूलों
में बनने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सभी जिला
अधिकारियों को प्रयोगशाला जांच के लिए राशि पहले ही भेज दी है।
निर्देशों के अनुसार —
- हर स्कूल में हर
माह कम से कम एक बार मिड डे मील का लैब टेस्ट करवाना
अनिवार्य होगा।
- इसके लिए रजिस्टर तैयार किए जाएंगे, जिसमें SMC
सदस्य, छात्रों
के अभिभावक भोजन टेस्ट करेंगे और उनकी प्रतिक्रिया दर्ज की जाएगी।
- साथ ही, हर
वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह के
दौरान कुकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित
की जाएंगी, जिनमें सभी कुक व हेल्पर्स को शामिल किया जाएगा।
हैशटैग्स (Hashtags): #JournalistDCNaheliya #P18News #NutritionGarden #MidDayMeal #HealthySchoolMeals #हरियाणा_सरकारी_स्कूल #SchoolHealthProgram #StudentNutrition #SchoolKitchenGarden #NutritionMissionHaryana
Thanks comments
you will be answered soon