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विश्व स्वाथ्य संगठन की रिपोर्ट सन् २०२० ई० तक एलोपैथीकी एंटीबायटिक दवा मनुष्यके शरीर पर असर करना बंद कर देगी


विश्व - स्वास्थ्य - संगठन ने कहा है कि अगले बीस वर्षों में यानी सन् २०२० ई० तक एलोपैथीकी एंटीबायटिक दवा मनुष्यके शरीर पर असर करना बंद कर देगी , यानी शरीर एंटीबायटिक के प्रति इम्यून हो जायगा । यह स्थिति आने से पहले ही पूरे विश्वको सचेत हो जाना होगा कि तब शरीर को एलोपैथी पद्धति कैसे नीरोग रख पायेगी । इसका एकमात्र उपाय है जड़ी - बूटियोंका अधिकाधिक उपयोग । यही कारण है कि विश्वका झुकाव जड़ी बूटियों के उपयोग की ओर बढ़ा है । सारे विश्व की निगाहें हमारे देश की जड़ी - बूटियों पर लगी हैं । क्यों ? कारण , हमारे पास जड़ी - बूटियों के विज्ञान का शास्त्र आयुर्वेद के रूप में उपलब्ध है । हमारा आयुर्वेद विश्वका प्राचीनतम शास्त्र है । हमारी जड़ी - बूटियाँ भी सर्वाधिक शक्ति सम्पन्न हैं । कारण , प्रखर सूर्य तथा सभी प्रकार के मौसम ही उन्हें शक्ति सम्पन्नता प्रदान करते हैं । विकसित देशों के पास प्रखर सूर्य नहीं हैं तथा इतने मौसम भी वहाँ नहीं होते हैं । यही कारण है कि हमारी जड़ी - बूटियाँ दुनिया में सर्वाधिक प्रभावशाली हैं । हमें केवल इसका प्रसार - प्रचार करके इसे विश्वव्यापी बनाना है । - आधार पर

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