नूंह(ब्योरो रिपोर्ट्) : उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में वीरवार चिह्नित अपराधों के बारे जिला सचिवालय में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि जो मामले चिन्हित अपराध योजना के तहत आते है, पुलिस विभाग उनकी पूरी गहनता से जांच कर रिपोर्ट तैयार करें। ऐसे मामलों की जांच संबंधित पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट कमेटी के समक्ष अवश्य प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग चिह्नित अपराधों में कोर्ट में जाने से पहले उसकी अच्छी रिपोर्ट तैयार करें ताकि अपराधी को अधिक से अधिक सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्राय: देखने में आया है कि कोर्ट में केस की मजबूती न होने के कारण कई बार अपराधी बच जाते है। सक्ष्यों के अभाव और कमजोर पैरवी के कारण ये केस न्यायालय में टिक नहीं पाते है।
उपायुक्त अजय कुमार चिन्हित अपराधों को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए। |
इसलिए कानूनी तकनीकी और विभिन्न प्रकार के केसों में साक्ष्यों के बचाव और उनकी सुरक्षा तथा कानूनी पहलुओं द्वारा मजबूत पैरवी संबंधित अधिकारियों द्वारा की जाए, जिससे अपराधी बचने न पाएं। बैठक में मामलों से संबंधित बचाव साक्ष्य और तकनीकी कानूनी पहलुओं बारे विचार विमर्श किया गया। उपायुक्त ने चिन्हित अपराध विषय के दृष्टिगत जिला न्यायवादी से बिंदुवार इन केसों से सम्बन्धित जानकारी हासिल की। जिला न्यायवादी ने उपायुक्त को अवगत करवाते हुए बताया कि चिन्हित अपराध की श्रेणी में आने वाले केसों में पोक्सो एक्ट के साथ-साथ अन्य संदिग्ध व गंभीर केसों को शामिल किए जाने का प्रावधान है। जिला में चिन्हित अपराधों में 11 केस शामिल किए गए है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि चिन्हित अपराध के तहत जो भी केस शामिल होते हैं उनमें नियमानुसार तेजी लाएं ताकि कोर्ट में इन केसों से सम्बन्धित कार्रवाई में तेजी लाई जा सके। बैठक में पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, जिला न्यायवादी सुनील कुमार परमार, जेल अधीक्षक सत्यवान के साथ-साथ अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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