हरियाणा में 129 तहसील अफसरों पर शिकंजा: एनओसी के बिना की गई रजिस्ट्रियों पर सरकार सख्त।
बिना एनओसी की रजिस्ट्री: 129 तहसील अफसरों पर सरकार का शिकंजा
यह भी पढे:-
बहन आरती राव के जन्मदिवस पर अटेली कार्यालय में हवन, दान और भव्य आयोजन।
यह भी पढे:-
नूंह के 115 गांवों को मिलेगा नया जीवन:स्वच्छता और विकास का मिशन शुरू।
कोविड काल की गड़बड़ियों पर गिरी गाज, तहसील अफसर चार्जशीटेड
यह भी पढे:-
राजनीतिक रंजिश में बदला गैंगवार: नूंह के सालाका गांव में हिंसा की आग।
रेवेन्यू स्कैम: खुफिया रिपोर्ट ने खोली तहसील अफसरों की पोल
यह भी पढे:-
राजनीतिक भूचाल में राव इंद्रजीत सिंह का डिनर: भाजपा में उबाल, विधायकों से दिल्ली में होगी पूछताछ।
रजिस्ट्री घोटाले में बड़ा एक्शन: अफसरों की आय से अधिक संपत्ति पर शक
यह भी पढे:-
330 हेडमास्टरों पर गिरी गाज टली: शिक्षा निदेशालय ने लगाई आदेश पररोक।
रिपोर्ट: पत्रकार डी.सी. नहलिया। फिरोजपुर झिरका
हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 129 राजस्व अधिकारियों, नायब तहसीलदारों, तहसीलदारों और जिला रजिस्ट्रार अधिकारियों (DRO) के खिलाफ चार्जशीट की मंजूरी दे दी है।
यह भी पढे:-
स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के जन्मदिवस पर पौधारोपण और केक काटकर दी शुभकामनाएं।
यह भी पढे:-
21 साल से लापता आरोपी पुलिस की पकड़ में: धारूहेड़ा में खत्म हुआ भागेपन का खेल।
इन सभी पर भूमि पंजीकरण नियमों की अवहेलना कर बिना वैध एनओसी (No Objection Certificate) के रजिस्ट्री करने का गंभीर आरोप है। यह फैसला सरकार के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है।
यह भी पढे:-
गरीब बेटियों के विवाह में अब मिलेगा 51,000 रुपये का 'कन्यादान' : हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला।
नियम 7-A
की अनदेखी बनी कार्रवाई की वजह
विवाद का मुख्य केंद्र हरियाणा रेवेन्यू डिपार्टमेंट का नियम 7-A है, जिसके तहत भूमि पंजीकरण से पहले आवश्यक एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य है। रिपोर्टों के अनुसार, इन अधिकारियों ने सैकड़ों रजिस्ट्रियों को बिना एनओसी के मंजूरी दी, जिससे राज्य को न केवल राजस्व का नुकसान हुआ, बल्कि सरकारी नियमों की खुल्लम-खुल्ला अनदेखी भी हुई।
सरकार द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जिन अफसरों ने 50 से अधिक ऐसी रजिस्ट्रियां की हैं, उनके खिलाफ हरियाणा सिविल सर्विसेज कोड के रूल 7 के तहत कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी, जबकि 50 से कम मामलों वाले अफसरों पर अपेक्षाकृत नरम रूल 8 के तहत कार्रवाई प्रस्तावित है।
यह भी पढे:-
फिरोजपुर झिरका खंड के दो नाबालिगों ने बनाया सपा सांसद इकरा हसन का डीपफेक वीडियो, गांव की पंचायत में मांगी माफी
खुफिया इनपुट और विपक्ष की भूमिका
कोविड-19 काल के दौरान नियम 7-A की अनदेखी कर हजारों रजिस्ट्रियां की गईं। उस समय रेवेन्यू विभाग उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अधीन था। विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। जवाब में सरकार ने खुफिया विभाग से जांच कराई, जिसने अपनी रिपोर्ट में अफसरों पर 'पैसे लेकर रजिस्ट्री करने', 'बिना अनुमति के रजिस्ट्रेशन', और 'आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने' जैसे गंभीर आरोप लगाए।
यह भी पढे;-
हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: राशन उपभोक्ताओं को 100 प्रति 2 लीटर मिलेगा सरसों का तेल।
गोपनीयता और विभागीय रणनीति
हालांकि, इस रिपोर्ट में शामिल अधिकारियों की सूची को अब तक गोपनीय रखा गया है ताकि जांच प्रभावित न हो। पटवारियों और दलालों की मिलीभगत की आशंका जताई गई है। सरकार इस मामले में टुकड़ों में कार्रवाई कर सकती है ताकि विभागीय कामकाज ठप न हो। फिलहाल, मुख्यमंत्री सैनी का भ्रष्टाचार के खिलाफ रुख बेहद आक्रामक दिख रहा है। सिंचाई विभाग सहित अन्य महकमों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है।
यह भी पढे;-
बसई मेव सरपंच मोहम्मद हनीफ को पद से हटाया गया, उपायुक्त ने जारी किए आदेश।
रिटायर्ड अधिकारियों पर नरमी संभव
सरकार उन अफसरों के प्रति नरमी बरत सकती है जो अब रिटायर हो चुके हैं और जिन पर किसी वित्तीय गड़बड़ी का प्रमाण नहीं है। हालांकि, यह भी तय किया गया है कि ऐसे मामलों की भी विस्तृत समीक्षा कर ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
यह भी पढे;-
प्राचीन शिव मंदिर अस्थल नगीना में शिव मंदिर बना श्रद्धा औरस्वास्थ्य का संगम।
क्या है नियम 7-A?
रेवेन्यू डिपार्टमेंट के नियम 7-A के अंतर्गत यह निर्धारित है कि कृषि भूमि का गैर-कृषि उपयोग या औद्योगिक व आवासीय प्रयोजनों हेतु ट्रांसफर तभी संभव है जब संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र यानी एनओसी प्राप्त कर लिया गया हो। इस नियम का उद्देश्य अवैध कॉलोनियों, अतिक्रमण और पर्यावरणीय क्षति को रोकना है।
यह भी पढे:-
हरियाणा में बिजली बिल संकट: बदलाव के बाद 30% तक महंगे हुए बिल।
आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि रेवेन्यू विभाग इस कार्रवाई को किस प्रकार आगे बढ़ाता है। क्या सभी 129 अफसरों पर एक साथ कार्रवाई होगी या चरणबद्ध तरीके से मामला आगे बढ़ेगा? क्या सरकार इन अफसरों की संपत्तियों की भी जांच कराएगी?
इस कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है और अब 'ऊंची कुर्सी पर बैठे' लोग भी जांच के दायरे से बाहर नहीं रहेंगे।
हैशटैग्स:
#NaheliyaJournalist #FirozpurJhirka #P18News #DCNaheliya #MewatNews #PoliticalCondolence #FirozpurJhirkaJournalist #हरियाणा_समाचार #DCNaheliyaJournalist #RegistryScam #RevenueCorruption #NOCViolation
कीवर्ड्स:
फिरोजपुर झिरका समाचार, P18News फिरोजपुर झिरका, पत्रकार डीसी नहलिया, DC Naheliya News Report, Haryana Registry Scam, बिना एनओसी रजिस्ट्री, राजस्व विभाग भ्रष्टाचार, नायब सिंह सैनी निर्णय, #DCNaheliyaJournalist
Thanks comments
you will be answered soon