फिरोजपुर झिरका (ब्योरो रिपोर्ट)। मेवात जिले में अवैध खनन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ प्रशासनिक आदेशों की सरेआम अवहेलना हो रही है। ताजा मामला बसई मेंव और नांगल के बीच बने अवैध रास्ते को लेकर है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों व जिला उपायुक्त नूह के निर्देश पर वन विभाग द्वारा काट दिया गया था
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ताकि खनन माफियाओं की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। हालांकि, यह रास्ता रातों-रात फिर से चालू कर दिया गया। इस पर रेंज फॉरेस्ट अधिकारी फिरोजपुर झिरका ने सख्त कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से रास्ता खोलने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उनके द्वारा थाना प्रभारी को पत्र क्रमांक 125-126 के तहत लिखित शिकायत भेजकर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। शिकायत में जिन दो लोगों को नामजद किया गया है,
उनमें अली मोहम्मद पुत्र सिरदार निवासी कर चोरपुरी, तहसील फिरोजपुर झिरका और सैकुल पुत्र रहीम खान निवासी बसई मेंव, तहसील फिरोजपुर झिरका शामिल हैं। बताया गया है कि इन पर पहले भी वन विभाग द्वारा माइनिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज हो चुका है, लेकिन बावजूद इसके वे अवैध खनन गतिविधियों से बाज नहीं आ रहे।
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वन विभाग का कहना है कि खनन माफिया नियमों और आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और अवैध रास्तों के सहारे से दोबारा गतिविधियां चालू कर रहे हैं। इससे न केवल क्षेत्रीय वन क्षेत्र को नुकसान हो रहा है बल्कि पर्यावरण संतुलन पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से इस विषय में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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उन्होंने कहा कि अगर ऐसे लोगों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो माफिया और अधिक हावी हो जाएंगे। वहीं, थाना फिरोजपुर झिरका पुलिस ने आश्वासन दिया है
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कि रेंज फॉरेस्ट अधिकारी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि अवैध माइनिंग रोकने के लिए केवल आदेश ही नहीं, बल्कि उनकी सख्ती से अनुपालना और सतत निगरानी भी जरूरी है।
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