सीवर लाइन चेम्बर का टूटा हुआ ढक्कन बना हादसों का कारण, प्रशासन बेखबर
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फिरोजपुर झिरका (P18News/डीसी नहलिया): शहर के वार्ड नंबर 09 की मुख्य सड़क के बीचों-बीच सीवर लाइन के चेम्बर का टूटा हुआ ढक्कन स्थानीय लोगों के लिए जानलेवा बनता जा रहा है। बीते एक महीने से टूटा पड़ा यह ढक्कन न सिर्फ ट्रैफिक में बाधा बना हुआ है, बल्कि स्कूली बच्चों, मोटरसाइकिल चालकों और राहगीरों के लिए हादसों का कारण भी बन चुका है। हैरानी की बात है कि बार-बार शिकायत के बावजूद भी जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
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स्थानीय निवासी भगवान दास, धनीराम ट्रेलर, धन्नी, मास्टर नरेश कुमार शर्मा और बबली ने बताया कि इस खतरनाक गड्ढे के कारण कई लोग चोटिल हो चुके हैं। स्कूली बच्चों को भी इस चेम्बर में गिरने के चलते गंभीर चोटें आई हैं। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ और जेईई को मौखिक रूप से कई बार इसकी सूचना दी, परंतु आज तक कोई समाधान नहीं किया गया।
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जनस्वास्थ्य
विभाग ने ली अनभिज्ञता की शरण
जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ वली मोहम्मद से जब इस मुद्दे पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि "सीवर लाइन चेम्बर के ढक्कन के टूटे होने की जानकारी अब मिली है, जल्द ही इसे ठीक करवा दिया जाएगा।" यह बयान उस प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है जो आमजन के लिए घातक बन चुकी है।
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पार्षद
योगेश सैनी उर्फ अप्पू ने जताई नाराजगी
वार्ड नंबर 09 के पार्षद योगेश सैनी उर्फ अप्पू ने कहा, "मैंने विभागीय अधिकारियों को कई बार लिखित और मौखिक रूप से सूचना दी है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता की जान से जुड़ा मुद्दा भी नजरअंदाज किया जा रहा है। अगर जल्द इस गड्ढे को नहीं भरा गया और नया ढक्कन नहीं लगाया गया, तो हम आंदोलन करने को मजबूर होंगे।"
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निगरानी
और जवाबदेही की कमी बन रही हादसों की वजह
इस मुद्दे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर नगर प्रशासन और जनस्वास्थ्य विभाग की निगरानी प्रणाली इतनी कमजोर क्यों है? जब किसी चेम्बर का ढक्कन टूटा होता है तो सबसे पहले स्थानीय अधिकारी और पार्षद की जिम्मेदारी बनती है कि वे तुरंत कार्रवाई करवाएं।
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जनता
की सुरक्षा या विभाग की सुस्ती?
शहर की सड़कें विकास की गवाही देती हैं, लेकिन जब इन सड़कों पर ऐसे जानलेवा गड्ढे मौजूद हों तो विकास बेमानी लगता है। वार्ड 09 का यह मामला संजीदगी से न लिया गया तो यह किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे सकता है।
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